गूहला चीका
खंड स्तरीय गीता जयंती महोत्सव के दूसरे दिन श्री भवानी मंदिर के हाल में स्कूली बच्चों न किया रंगारंग प्रोग्राम का आयोजन,
        एस.डी.एम. ने उपस्थितगण को संबोधित करते हुए कहा कि श्रीमदभगवत गीता भगवान श्रीकृष्ण के श्रीमुख से प्रस्फुटित ऐसा दिव्य मूलमंत्र है, जो जीवन को कर्म से निरंतर जोड़ता है। यह अनंत ऊर्जा है, जो जीवन जीना सिखाता है। आज संपूर्ण विश्व गीता की उपयोगिता व उसकी महिमा को महत्व देता है। नई पीढ़ी के लिए यह एक ऊर्जा से भरा ऐसा दिव्य ग्रंथ है, जो निरंतर अध्ययन से हर बार अर्थ को रहस्य की परत दर परत सार्थक जीवन जीने की ओर प्रेरित करता है।
 उन्होंने कहा कि श्रीमदभगवत गीता मानव सभ्यता का गुरुकुल है, जो संपूर्ण विश्व को दिव्य ज्ञान से विभूषित करता है और उसे जीवन और मृत्यु के सेतु पर कर्मयोग सिखाता है। श्रीकृष्ण भगवान ने अर्जुन के माध्यम से गीता का उपदेश देते हुए यह कहा था कि परोपकार करने वाले व्यक्ति का न तो इस लोक में नाश होता है और न ही उस लोक में। अत: श्रेष्ठ कर्मों के प्रति अग्रसर होना कर्मयोगी होना ही है।

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