गुहला चीका

आज के कलयुग में जहां लोग बेटी के पैदा होने से पहले ही उसे कोख में मार रहे हैं वहीं समाज में प्रीतपाल जिंदल जैसे महान समाजसेवी भी जिंदा है जो आज भी अपनी इंसानियत को जिंदा रखे हुए हैं और प्रत्येक साल लगभग 60 कन्याओं का विवाह करवाते हैं जिसमें प्रत्येक धर्म की लड़कियां होती हैं प्रितपाल जिंदल ने जानकारी देते हुए बताया कि कन्याओं का कोई धर्म नहीं होता प्रत्येक कन्या मां बहन बेटी का रूप होती है और वह कल की कन्याओं का विवाह भवानी मंदिर के प्रांगण में करवाने जा रहे हैं जिसमें वे हिंदू रीति रिवाज की लड़कियों को हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार और सिख धर्म की लड़कियों को सिख धर्म के अनुसार रीति रिवाज के साथ आयोजन कर विदा करेंगे और तमाम सुख सुविधाएं जो एक बेटी का बाप अपनी बेटी को देता है वह सब सुख सुविधाएं इन 21 कन्याओं को देने का प्रयत्न करेंगे। प्रितपाल जिंदल ने कहा कि प्रत्येक संपन्न परिवार को अपने परिवार की सुख सुविधाएं पूरा करने के बाद समाज के अन्य वर्गों की तरफ ध्यान देना चाहिए जो समाज में साधन संपन्न नहीं है और किसी न किसी दुख या बीमारी से पीड़ित हैं उनकी सहायता करनी चाहिए। प्रितपाल जिंदल  ने कहा कि लोग  समाज सेवा के माध्यम से राजनीतिक में आते हैं परंतु वह आज एक बात और साफ कर देना चाहते हैं की उनका राजनीति से कोई भी लेना देना नहीं है और ना ही उनके परिवार का कोई भी सदस्य कभी भी राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेता है और ना ही लेगा उन्होंने राजनीतिक लोगों को भी संदेश दिया कि उन्हें भी समाज सेवा के कार्य करने चाहिए जिसे हमारे समाज में गरीब लोगों को सहारा मिल सके।

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