टोहाना स्वर्ग आश्रम सेवा समिति का प्रधान पद का विवाद पहुचा अदालत में, साजिशन कुछ सदस्यों द्वारा अस्वस्थ दिखा कर बाहर करने का आरोप, संस्था में पैसे का हो रहा है गोलमाल प्रकाश धवन ने लगाए आरोप। 
स्वर्ग आश्रम यानी शमशान के हितकार कार्यो के लिए बनी एक संस्था का मामला अदातल की दहलीज पर पहुच गया है। जिसमें प्रकाश धवन ने आरोप लगाते हुए स्थानिय न्यायलय में एक याचिका दायर की है। अभी मामला शुरूवाती दौर में है पर कोई की मामला शमशान यानी स्वर्ग आश्रम से जुडा है इसलिए शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। क्योकि सुनते है कि शमशान में पहुच कर सारे मामले समाप्त हो जाते है पर उससे जुडे लोगों में कोई विवाद हो जाए तो चर्चा तो होनी ही है। आईए आपको मामले से रूबरू करवाते है। 
संस्था का प्रधान मुझे सर्वसहमति से बनाया गया, पर बाद में कुछ सदस्यों ने साजिश के तहत मुझे एक तरफ निकाल दिया यह कहकर कि आप शान्त रहो आप अस्वस्थ है जबकि मैं स्वस्थ हुँ सभी तरह के काम काज कर रहा हँू यह कहना है स्र्वग आश्रम सेवा समिति से जुडे रहे प्रकाश धवन का। उनके अनुसार उन्हें गुटबाजी का शिकार बनाया जा रहा है जिसकी शिकायत उनके द्वारा पुलिस विभाग के साथ अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को भ्भी दी है  जब कोई कार्यवाही नही हुई तो उनके द्वारा इसकी सीएम विन्डों पर शिकायत दर्ज करवाई गई जब वहां से भी इनको कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो प्रकाश धवन ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है उनका कहना है कि वो जब भी कोई संस्था में काम करते तो उनके काम में रोडा अटकाया जाने लगा। उन्होनें अब कुछ सदस्यों को साजिशकर्ता बता कर कोर्ट में याचिका लगाई है कि उन्हें न्याय दिलवाया जाए। 
इसके साथ उन्होने यह भी आरोप लगाया कि संस्था का पैसा अनाज मण्डी की एक दूकान के माध्यम से लेन देन किया जा रहा है जिसमें उनकी मर्जी शामिल नहीं है उन्होनें इसे संस्था के पैसे की उल्ट फेर बताया, उन्होने संस्था में पैसे के घालमेल के आरोप भी लगाए है प्रकाश धवन का कहना है कि उन्होनें बार-बार कहा है कि संसथा के पैसे का र्दुउपयोग गलत बात है। उन्होनें बताया कि उन्हें 7 जनवरी 2018 को सर्वसहमति से प्रधान चुना गया था उनका कार्यकाल दिसंबर तक है। उन्होने यह भी बताया कि संस्था में उनको अस्वस्थ दिखा कर आफिस को ताला लगा कर रिकार्ड गायब कर दिया गया है। संस्था रजिस्ट्रर भी नहीं करवाई गई जबकि बार-बार कहा गया है। अब देखना ये होगा कि इस मामले में भविष्य में माननिय अदालत का क्या निर्णय आता है।   

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