टोहाना –
दादा का सपना था कि बेटा डाक्टर बने,
बेटा डाक्टर नहीं बना तो पोते पर रखी उममीदें,
पोते का नाम भी स्थानिय चिकित्सक के नाम पर भगवान दास ही रखा
गरीब परिवार का सपना हुआ सच,
एस एस स्कूल के पूर्व छात्र भगवानदास का एमबीबीएस में हुआ सेलेक्शन।
ढालू राम भ्का बेटा भगवान दास बनेगा डाक्टर, भगवान दास ने कहा सपना होगा पुरा, करूगा गरीब परिवारों की प्राथमिकता के आधार पर चिकित्सा
परिवार व स्कूल स्टाफ में खुशी की लहर, परिवार के लोग दादा की बात करते हुए भावुक
सपने इतने भी आसमान पर नहीं टंगे होते कि उनको हकीकत के धरातल पर ना उतारा जा सके, जरूरत होती है बस हिममत, जनून की। सभी परिवारों के बुर्जग अपनी संतानों को लेकर उज्जवल भविष्य का सपना देखते है। वो सौभाग्यशाली चन्द ही होते है जिनके दामन में उसे पुरा करने का गौरव हासिल होता है। जब यह हो जाता है तो हमारे आस-पास के सभी शुभ्भचिन्तकों में खुशी की लहर हिलौरे लेने लगती है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है टोहाना के गरीब परिवार के भगवान दास की सफलता ने। भगवानदास की शुरूवाती शिक्षा अपने मोहल्ले के स्कूल में रही उसके स्कूल शिक्षक इस उपलब्धि पर गदगद है उन्होनें भगवानदास को स्कूल प्रंागण में इस उपलिब्ध के लिए स्मृति चिन्ह देकर सममानित किया। मिठाई बाटी गई। आज भगवान दास गरीब बच्चों को राह दिखा रहा है कि हिममत हौसला लक्ष्य के प्रति निष्ठा हो तो कोई रास्ता मुश्किल नहीं है। जो सपने हमारे बुर्जगों ने देखे उसे हम पुरा कर सकते है। 18 वर्षीय भगवानदास ने नीट 2018 की परीक्षा पास कर सार्थक किया है। गरीब परिवार से संबंध रखने वाले भगवान दास ने लोगो के इस भ्रम को भी तोड़ा है कि डॉक्टरी की पढ़ाई सिर्फ पैसे वाले ही कर सकते हैं। एम बी बी एस की पढ़ाई के लिए उसे रोहतक मेडिकल कालेज में दाखिला मिल गया है। भगवानदास के पिता ढालू राम नगरपरिषद में कांट्रेक्ट बेस पर 9100 रुपये लेते हैं। परिवार में एक बेटा और एक बेटी और है वो भी पढ़ रहे है इस संघर्षशील जीवन के बाद भी ढालू राम ने हिम्मत नही हारी, अपने पिता का सपना पुरा किया बेटे का एमबीबीएस में हुआ सेलेक्शन।
ताऊ प्रेम प्रकाश ने भ्भावुक स्वर में बताया कि हमारे परिवार में भगवानदास के दादा जी हमारे पिता का सपना था कि मेरा बेटा डाक्टर बने पर मैं तो नहीं बन पाया इसलिए उन्होनें अपने पोते का नाम भगवानदास रख्खा क्योकि टोहाना शहर में उस वक्त भगवानदास नाम से एक डाक्टर होता था। आज हमें खुशी है कि हमारे बेटे ने अपने दादा का सपना पुरा किया है।
भगवान दास ने बताया कि जब में परीक्षा में बैठा था तो मेरे साथ मेरे माता-पिता व शिक्षकों का आर्शीवाद था। अन्य विद्यार्थियों के लिए बताया कि जब वो परीक्षा की तैयारी करे तो एक डाक्टर की तरह सोचे मन लगा कर पढाई करे। वही उसका लक्ष्य रहेगा कि चिकित्सक बनने के बाद गरीब परिवारों की हर संभव मदद करे।