गुहला चीका
पौधारोपण जीवन का महत्वपूर्ण कार्यः सुदर्शन शर्मा
सरकारी स्कूल पाबसर में लगाए सैकड़ों पौधे
वन महोत्सव पर कार्यक्रम आयोजित।
वृक्ष हमारे दैनिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं हम स्वयं को वृक्षों से अलग नहीं कर सकते और मानवीय सभ्यता का प्रारंभ भी जंगलों पहाड़ियों, गुफाओं और झरनों से हुआ है। भारत में 1950 में वन महोत्सव की शुरुआत हुई थी और हर वर्ष जुलाई माह के पहले सप्ताह में यह उत्सव मनाया जाता है। उपमंडल गुहला के पाबसर स्कूल में खंड शिक्षा अधिकारी सीवन सुदर्शन शर्मा ने वन महोत्सव की शुरुआत पौधारोपण से करते हुए कहा कि जन जन को पेड़ पौधों के काटने से होने वाले नुकसान बारे जागरुक किया जाना चाहिए ताकि वे बिगड़ती प्राकृतिक संरचना को बचाने में सहयोग दे सकें। शर्मा ने कहा कि हमने अपने स्वार्थ और विकास के लिए प्रकृति का दोहन किया है जिसकी वजह से हम प्राकृतिक आपदाओं के कगार पर हैं। उन्होंने कहा कि अगर सुरक्षित भविष्य देखना चाहते हैं तो आज से ही हमें पौधारोपण की शपथ लेनी होगी और हर किसी को पौधारोपण करना और इसे संरक्षण प्रदान करना पड़ेगा क्योंकि पेड़ पौधों के वरदान जीवन के विकास और खुशहाली के आधार हैं जिसके लिए पौधारोपण बेहद जरूरी है। शर्मा ने कहा कि बेकार और बंजर पड़ी भूमि पर, अपने घर और आंगन में, खेत खलियान में हर जगह पौधा लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पौधारोपण जीवन का महत्वपूर्ण कार्य है जिसे बखूबी निभाना चाहिए।

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