गुहला चीका
आमतौर पर बच्चे हाथ धोने को लेकर ज्यादा संजीदा नहीं होते और वो ने खाना खाने से पहले हाथ धोना पसंद नहीं करते और ना ही बाथरूम के बाद। हाथ धोना कीटाणुओं से बचने का सबसे ज्यादा कारगर तरीका है। इसे रोगाणुओं को फैलने से रोक सकते हैं और साथ ही अपने बच्चों को कई संक्रमणों से बचा सकते हैं। यह विचार सरकारी स्कूल पीडल मेंं जिला जूनियर रेड क्रॉस काउंसलर प्राध्यापक राजा सिंह झींजर ने विद्यार्थियों को हाथ धोने की तकनीके सिखाते हुए कहे। उन्होंनेे कहां की बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता व्यस्कों के मुकाबले कमजोर होती है इसलिए उनकी खास देखभाल जरूरी है। झींजर ने कहा कि गंदे हाथोंं से छूने और दूषित पानी या भोजन खाने से हम कीटाणुओंं के संपर्क मेंं आते और जाने अनजाने अनेक बीमारियों से प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक बार एक बच्चे के संक्रमित होने से पूरा परिवार रोग ग्रस्त होने की आशंका बनी रह सकती है। इस अवसर पर मनदीप पाल कौर जितेंद्र वर्मा ने बच्चों को हाथ धोने की विभिन्न तकनीकों का अभ्यास करवाया। इस अवसर पर कृष्ण लाल मोहनलाल बीरबल सिंह रवि कुमार पिंकी रानी पवन कुमार सुनीता देवी कैसी राम सहित अध्यापक उपस्थित थे।