गुहला चीका
मार्केट कमेटी के कर्मचारी व अधिकारियों की पोल खोल कर रख दी बरसात ने अनाज मंडी में किसी तरह के पानी निकासी क़े इंतजाम
किसानों पर आफत बनकर आई बरसात।
किसानों का पीला सोना हुआ बर्बाद।
किसानों की छह महीनों की मेहनत पर फिरा पानी।
प्रशासन के दावों की खुली पोल।
प्रशासन का कोई अधिकारी नहीं पहुंचा किसानों की सुध लेने।
धान का सीजन शुरू होते ही सरकार और प्रशासन द्वारा अनाज मंडी में किसानों के लिए पुख्ता इंतजाम होने के दावों की पोल बारिश ने खोल कर रख दी
अनाज मंडी में चारों और पानी ही पानी हो गया और किसानों का पीला सोना पानी में बह गया
किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया और किसानों के चेहरों पर मायूसी छा गई
किसानों ने सरकार और प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि हर बार सीजन में सरकार और प्रशासन द्वारा किसानों के लिए पुख्ता इंतजाम होने के दावे किए जाते हैं परंतु सरकार और प्रशासन के दावों की पोल दिखाते हुए किसानों ने बताया कि प्रशासन द्वारा मंडी में निकास पानी निकासी के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं और ना ही किसानों के गेहूं को बरसात से बचाने के लिए तरपाल का इंतजाम किया गया है
किसानों ने बताया कि जो शेड किसानों के धान को बरसात से बचाने के लिए बनाया गया था उसमें गेहूं के कट्टे लगाए गए हैं जो यह बताने के लिए काफी है कि सरकार और प्रशासन किसानों के प्रति कितना गंभीर है।
किसान बलविंदर सिंह ने कहा कि किसानों का करोड रुपए का धान पानी में बह गया है परंतु अभी तक कोई भी अधिकारी व कर्मचारी किसानों की सुध लेने अभी तक मौके पर नहीं पहुंचा है । सरपंच बलविंदर सिंह ने कहा कि कल उपायुक्त कैथल ने भी मंडी का निरीक्षण किया था परंतु उपायुक्त के निरीक्षण पर भी स्थानीय प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए जिसे किसानों का धान बर्बाद होने से बच सकें।
सरकार और प्रशासन पर सवाल उठाते हुए सरपंच बलविंदर सिंह ने कहा कि जिन खराब फसलों की गिरदावरी पिछले वर्ष हुई थी अभी तक सरकार द्वारा उसका मुआवजा भी नहीं दिया गया है जिसे किसान को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है सरपंच बलविंदर सिंह ने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द गिरदावरी करवाकर और जो फसल मंडी में किसानों की खराब हुई है उनका मुआवजा किसानों को जल्द से जल्द ही दिया जाए।
उपायुक्त क़े निरीक्षण भी सवाल।
उपायुक्त कैथल धर्मवीर सिंह द्वारा कल ही धान का सीजन शुरू होते ही निरीक्षण किया गया था और अनाज मंडी में किसानों के लिए पुख्ता इंतजाम होने की बात कही गई थी परंतु उपायुक्त के इस दावे की पोल भी आज बारिश ने खोल कर रख दी है । ऐसे में सवाल यह उठता है कि स्थानीय प्रशासन द्वारा उपायुक्त को भी गुमराह किया गया और मंडी में पुख्ता इंतजाम बात होने की बात कही जिसे उपायुक्त कें निरक्षण पर सवाल उठते हैं की उपायुक्त महोदय द्वारा निरीक्षण में किस प्रकार की जांच की गई।
मार्केट कमेटी के कार्यालय में मौके पर नहीं मिला कोई अधिकारी या कर्मचारी। कुर्सियां मिली खाली

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