कैथल
हरियाणा के कृषि, विकास एवं पंचायत मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि संत कबीरदास का नाम ऐसे महामानवों की श्रेणी में आता है, जिन्होंने भारतीय समाज में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने भारतीय समाज से अंधविश्वास, जात-पात, रूढि़वाद को खत्म करके सामाजिक और आर्थिक रूप से आजाद करके एक स्वस्थ समाज की स्थापना की। हमें ऐसे महापुरूषों की शिक्षाएं व आदर्शों को अपने जीवन में आत्मसात करके मानव उत्थान की दिशा में कार्य करना चाहिए।
कृषि, विकास एवं पंचायत मंत्री आज आरकेएसडी कॉलेज के हॉल में संत कबीरदास जयंती के जिला स्तरीय समारोह में दीप प्रज्ज्वलन के उपरांत बतौर मुख्यातिथि उपस्थितगण को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संत कबीर ने समाज सुधार का बीड़ा उठाया और भारत के पुनर्जागरण व धार्मिक सुधारों का बिगुल बजाकर भारतीय समाज से अंध विश्वास, जात-पात, बाल विवाह, नशा खोरी व छूआछूत जैसी सामाजिक बुराईयों को खत्म करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनका लक्ष्य एक वर्ग रहित व वर्ग विहीन समाज की रचना करना था। संत कबीर मनुष्य के पूर्ण स्वतंत्रता के पक्षधर थे तथा सामाजिक न्याय की स्थापना उनका उद्घोष था। हालांकि संत कबीर को उस काल में विरोध का सामना करना पड़ा, लेकिन उनके दृढ़ संकल्प के कारण यह विरोध ज्यादा समय तक नही ठहर पाया।
कृषि, विकास एवं पंचायत मंत्री ने कहा कि संत कबीर एक ऐसे महान कवि थे, जिन्होंने समाज से अज्ञानता के अंधकार को दूर करके सच्चे मानवतावादी होने का परिचय दिया। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को दूसरों की बुराई से पहले स्वयं में झांककर देखना चाहिए। उन्होंने सभी धर्मों के आडम्बरों का विरोध करते हुए मूर्ति पूजा, व्यक्ति पूजा व पत्थर पूजा को मात्र दिखावा करार दिया। उन्होंने अपने दोहों के माध्यम से समाज में नई चेतना का संचार किया तथा उनके प्रचलित दोहे समाज में आज के परिवेश में भी उतने ही प्रासांगिक हैं। उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति जाति से नही कर्म से बड़ा होता है, इसलिए व्यक्ति का भगवान सुमरिण, भक्ति एवं प्रार्थना करेगा, वहीं भगवान को प्रिय होगा। उन्होंने गुरू को भगवान से ऊपर का स्थान दिया।