आज प्रदेश के किसानों ने उत्साह का माहौल है। किसानों को सही मायनों में आर्थिक आजादी मिलने से उन्हें फसलों के लाभकारी मूल्य मिले-ओमप्रकाश धनखड़
कृषि मंत्री ने कहा कि देश में कृषि मूल्य आयोग के गठन के बाद नोरमन वारलो ने जिस हरित क्रांति का सपना संजोया था, आज देश में सही मायनों में उस हरित क्रांति के सपने को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने साकार किया है। उन्होंने कहा कि एक समय था, जब किसान घर के पशु और खाद तथा परिवार के सदस्यों के साथ खेती करता था, लेकिन समय के बदलाव के साथ आज खेती में रासायनिक खादों व मशीनों के उपयोग के कारण पैकेज टैक्नॉलोजी का यूग आ गया है। ऐसे हालात में किसान को उसकी फसल के उत्पादन के लागत मूल्य के साथ लाभ को जोडऩा भी जरूरी है। किसान को 1966 के बाद हर कृषि की जरूरत के लिए बाजार पर निर्भरता थी, लेकिन उन्हें कोई लाभकारी मूल्य नही मिलता था, जिसके कारण किसानों की आय कम होती चली गई।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने कार्यकाल के दौरान किसानों के हितों के लिए अनेकों कदम उठाए थे। उन्होंने सस्ती पूंजी का काम किया था, जिसके कारण ब्याज दर 18 प्रतिशत से घटाकर 9 प्रतिशत तक ले आए थे। किसान क्रेडिट कार्ड बनाने के साथ-साथ उन्होंने श्री सोमपाल शास्त्री चेयरमैन की अध्यक्षता में मूल्य आयोग का गठन किया था, लेकिन 2004 में देश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद सरकार ने श्री एम.एस स्वामीनाथन कमीशन का गठन किया तथा 2006 से 2014 तक इस कमिशन की रिपोर्ट को सरकार ने लागू नही किया।
उन्होंने कहा कि जो लोग आज किसान हितैषी होने का दम भरते हैं, उन्होंने अपने कार्यकाल में प्रदेश में 10 साल तक मुख्यमंत्री रहने के बाद किसानों के हित में कुछ नही किया। श्री धनखड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अध्यक्षता में स्वामी नाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू करने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया था, ताकि यह कमेटी इस रिपोर्ट को लागू करने के लिए अपने सुझाव दें, लेकिन प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में 2010 से 2014 तक यह रिपोर्ट भी लंबित पड़ी रही तथा अपने कार्यकाल में स्वामीनाथन कमिशन की रिपोर्ट को लागू नही कर पाए।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने सच्चे अर्थों में जय जवान व जय किसान के नारे को साकार किया है। वन रैंक-वन पैंशन की योजना को लागू करके 10 हजार 800 करोड़ रुपए सैनिकों के खाते में डाले गए हैं तथा किसानों को उनकी सभी फसलों के लाभकारी मूल्य देकर जय जवान-जय किसान के नारे को सार्थक किया है। उन्होंने बताया कि 4 जुलाई 2018 के बाद यदि लागत 1200 रुपए है तो मूल्य 1800 रुपए देंगे, यदि लागत 1400 रुपए है तो मूल्य 2100 रुपए देंगे और यदि लागत 2000 रुपए है तो किसान को 3000 रुपए लाभकारी मूल्य दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने फसलों के मूल्य निर्धारण के लिए ऐसा फार्मुला लागू किया है कि आगे आने वाले समय में भी इस फार्मुले को किसानों के हित में हर हाल में लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कृषि के विविधिकरण के कारण यदि किसान सूरजमुखी, बाजरा, मक्का, कपास की फसलें उगाएंगे तो उन्हें उन फसलों के आधार पर लाभकारी मूल्य मिलेगा। किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष श्री अजीत चहल ने कृषि मंत्री को धान की थैली भेंट कर उनका अभिनंदन किया। श्री सुरेश संधु ने कृषि मंत्री को चांदी का मुकुट भेंट किया तो मंत्री ने इस मुकुट को विनम्रता पूर्वक वापिस करते हुए इसे मंदिर में दान देने का अनुरोध किया।
इस बैठक के बाद संवाददाताओं से संबोधित करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार पानी की कमी को देखते हुए माईक्रोइरीगेशन पर जोर दे रही है। इस सिंचाई के उपकरणों पर सरकार की तरफ से 85 प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। सरकार का उद्देश्य किसानों के उत्पादन में बढ़ोत्तरी करके 2022 तक किसानों की आय को दोगुणा करना है। इस दिशा में गंभीरता से प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि फसलों के दामों में बढ़ोत्तरी से देश में किसानों को 33 हजार 500 करोड़ रुपए का सीधा लाभ होगा तथा हरियाणा प्रदेश में किसानों को हजारों करोड़ का लाभ होगा।