टोहाना हरियाणा – नौनिहाल बन रहे शंतरज के खिलाड़ी, शंतरज पर कार्यशाला का आयोजन, कभी दो से हुई थी जिले में शुरूआत आज सैकड़ों सिख रहे है शंतरज के गुर।
मोबाईल टीवी से दूर रखने की कोशिश में शंतरज की तरफ हो रही है वापसी, मानसिक रूप से निर्णय लेने की क्षमता से प्रभावित हो रहे बच्चे व अभिभावक, बच्चों ने छुटिटयों में सिखना शुरू किया अब लगातार इसे ख्खेलने का बनाया मन, कैसे बन सकते है विश्वनाथन आंननद बताया कार्यशाला में दी ट्रैनर ने जानकारी।
गर्मी की छुटिया जहां पहले किसी हिलस्टैशन या रिश्तेदारों के यहां खत्म हो जाती थी अब वो वक्त नहीं रहा आज प्रतियोगिता के युग में प्रत्येक अभिभावक व बच्चा भी चाहता है इस बीच वो अपने भीतर विशेष कौशल को विकसित करे इसी प्रयास को लेकर टोहाना में एक अनोखे नई पहल के तौर पर शंतरज स्कूल की आरंभ हुआ जिसे दिशानिर्देश प्रदेश स्तर पर चल रही शतरंज एशोसिएन के जिला सचिव राजीव अहलावत व ट्रैनर गौरव छाबडा ने दिया। इस स्कूल का संचालन हरमीत कौर के द्वारा किया जा रहा है जिसमें दर्जनों बच्चे शामिल होकर अपने कौशल को विकसित कर रहे है। इसके बारे में जिला सचिव राजीव ने बताया कि कभी उनहोनें इस खेल की शुरूवात जिले में दो बच्चों से की थी आज सैकड़ों की संखया में बच्चे व बडे यह खेल सिख रहे है। वही हरमीत कौर ने बताया कि समय के साथ यह खेल बेहद जरूरी विषय बन कर उभरा है क्योकि इससे मानसिक विकास होता है बच्चे की निर्णय लेने की क्षमता का विकास होता है। वही इस कार्यशाला में बतौर ट्रैनर पहुचे गौरव छाबडा ने बताया कि आज की शंतरज पहले वाली नहीं रही यह खेल जिले से लेकर अन्र्तराष्ट्रीय बन ख्ख्चुका है जिसमें ग्रैड का महत्व है उन्होने बताया कि कैसे व कितने ग्रेड लेकर विश्वनाथन आन्नद विश्व के खिलाड़ी बने है। आयोजित कार्यशाला में बच्चों ने अपने सवालों से अपने ज्ञान में इजाफा किया। उममीद की जानी चाहिए कि इससे छोटटे शहर में इस खेल से बच्चे जहां मोबाईल व टीवी की आदत से मुक्ति पाएगे वही उनका मानसिक विकास बेहतर होगा।