टोहाना –
प्रदेश भर में दसवी कक्षा में हरियाणा बोर्ड में पांचवा रैक प्राप्त करके टॉप टेन में स्थान प्राप्त करने वाली गितिका हुई प्रशासनिक लापरवाही का शिकार, न तो ब्लाक स्तर पर न ही जिला स्तर पर मिला सम्म्ममान। उसके कम अंक के निजी स्कूल के बच्चें हुए स्वतन्त्रता दिवस पर सम्मानित। इससे गतिका का परिवार हुआ मायूस, वार्ड पार्षद ने कहा सरकार का बेटी बचाओं बेटी पढाओं का प्रचार ख्खोखला। खण्ड शिक्षा अधिकारी से जब मिडिया ने पुछा सवाल तो उन्होनें स्वीकार किया कि चख्ुक हुई, कहा जल्द ही गितिका को प्रशासन करेगा सममानित।
स्वतन्त्रता दिवस व गणतन्त्र दिवस पर ब्लाक व जिला स्तर पर शिक्षा, खेल, समाजसेवा सहित अन्य क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान करने वाले व्यक्तितव को प्रशासन के द्वारा सममानित किया जाता है। जिसको लेकर समय-समय पर सवाल भी उठाए जाते रहे है ऐसा ही एक सरकारी स्कूल की प्रतिभा की अनदेखी का मामला प्रकाश मे आया है। जिसमें प्रदेश में पाचंवा व टॉप टेन में जगह बनाने वाली आरोही सरकारी स्क्ूल गितिका को भूल गया वही उसके कम अंक के निजी स्क्ूल के बच्चों को सममानित किया गया। जब मामला मिडिया के माध्यम से अधिकारियों के सामने आया तो उनका कहना है कि वो जल्दी ही उसे सम्मानित करेगे।
छात्रा गितिका का कहना है उसने प्रदेश में पांचवा रैक प्राप्त किया था। वही जिले में उसका प्रथम स्थान था। पर मुझे ना तो जिला स्तर पर व न ही ब्लाक स्तर पर सम्मानित किया गया। लेकिन जिला स्तर पर जिनकी दूसरी पोजिसन है उन्हें सममानित किया गया है। वही गितिका के पिता उमेश सलूजा का कहना है कि उन्होनें बेटियों को बचाया भी व पढाया भी है उनकी दो ही बेटियां है बडी बेटी गितिका ने प्रदेश में पंाचवा रैक प्राप्त करते हुए जिले में पहला स्थान पाया है पर इसकी अनेदखी की गई जिससे हमारे मन में निराशा है इसकी जांच होनी चाहिए कि क्यों इसकी अनदेखी की गई अगर सुनवाई नहीं हुई तो मै इसके लिए अपील भी करूगा। मेरी बेटी का हक उसे मिलना चाहिए। वार्ड पार्षद रामकुमार सैनी कहते है कि एक तरफ तो सरकार लुभवानी खोखली योजनाओं पर करोडों रूपया खर्च करती है पर लेकिन धरातर पर ऐसा कुछ नहीं हो रहा जैसा कि इस मामले में हो रहा है इसकी उपलब्धी के बाद भी उसे न तो ब्लाक स्तर पर व ना ही जिला स्तर पर कही सममानित किया गया है। इससे बच्चों का मनोबन टूटता है। सरकार को इसपर विचार करना चाहिए। वही खण्ड शिक्षा अधिकारी ने इस बात को स्वीकार किया कि सरकारी स्कूल के बच्चों को प्रोत्ससाहित करना चाहिए। उसका पंाचवा रैक भी है। हमने मासिक बैठक में सभी को कहा था कि अपने स्कूल से बच्चो की लिस्ट भेज दे। उसका नाम हमारे पास नहीं आया था। इसलिए वो सममानित नहीं हो पाई इसलिए हम उसे दुबारा अब सममानित करेगे।

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