देश की कला और संस्कृति का सरंक्षण बेहद जरूरीः राजा सिंह झींजर
पीडल सरकारी स्कूल में सीसीआरटी कला और संस्कृति कार्यशाला का आयोजन
गुहला चीका
भारत प्राचीन काल से विभिन्न कलाओं और पेंटिंग कार्यों में धनी संपदा का देश रहा है इसे संपदा में एक पेंटिंग कार्य तेजी से बढ़ता नजर आ रहा है और कुछ लोगों में पेंटिंग के प्रति सराहनीय प्रतिभा पाई जाती है क्योंकि इस कार्य की शुरूआत है कुछ ही संसाधनों से की जा सकती है। यह विचार राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पीडल में सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र नई दिल्ली के सांस्कृतिक क्लब प्रभारी प्राध्यापक राजा सिंह झींजर ने कला और संस्कृति विषय पर आयोजित कार्यक्रम में कहे। झींजर ने कहा कि भारतीय कला और संस्कृति के विकास में स्कूली विद्यार्थियों को प्रेरित किया जाना चाहिए ताकि उन्हें सांस्कृतिक प्रतिभा के साथ एक अच्छा नागरिक बनाया जा सके जो देश की महान कला और संस्कृति को संरक्षण और विकास प्रदान करे। स्कूलों में सीसीआरटी सांस्कृतिक क्लब का उद्देश्य ऐसी शिक्षा पद्धति विकसित करना है जिससे ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थी कला और संस्कृति से जुड़े और एक बुनियादी, सांस्कृतिक, सौंदर्य परक मूल्यों और अवधारणाओं को जनमानस में जीवित रख सकें। कार्यक्रम में आदर्श निकेतन स्कूल चीका से प्राध्यापक पूजन राणा ने विशेष तौर से भाग लेते हुए कहा कि विद्यार्थियों में छिपी प्रतिभा को एक मंच की जरूरत है जो उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के शुभ अवसर प्रदान करता है और अध्यापक इसी कड़ी का एक महान पहलू है। राणा ने कहा कि विद्यार्थी पेंटिंग कार्य के माध्यम से सामाजिक बुराइयों और राष्ट्रीय जनकल्याण के कार्यों को प्रदर्शित कर दूसरे बच्चों और लोगों में जागृति फैला सकते हैं। राणा ने विद्यार्थियों द्वारा बनाई गई अद्भुत पेंटिंग कलाओं को दर्शाती हुई पेंटिंग दिखा कर सबका मन मोह लिया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी अपनी पेंटिंग प्रतिभा के बल पर विभिन्न प्रतियोगिताओं को मात दे अपना और विद्यालय का नाम रोशन कर सकता है। कार्यक्रम में प्रधानाचार्य जितेंद्र वर्मा और वरिष्ठ प्राध्यापक कृष्ण लाल ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर सत्येंद्र पाल सिंह सुनीता रानी मनदीप पाल कौर रवि कुमार संतोष कुमारी अनीता रानी मुकेश कुमार मेलों देवी आदि अध्यापक उपस्थित थे।

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